Jindal Gotra (Khemka) Sati: Shri Udho- Madho- Santosh Dadiji

Jindal Gotra (Khemka) Sati: Shri Udho- Madho- Santosh Dadiji जिंदल गोत्र (खेमका) सती : श्री उधो- माधो- संतोष दादीजी

SATI DEVIYON KI JAI

Marwari Pathshala

4/27/20241 मिनट पढ़ें

जिंदल गोत्र (खेमका) सती : श्री उधो- माधो- संतोष दादीजी

राजस्थान झुंझुनू के अंदर बुहाना गाँव मे एक जिंदल गोत्री (खेमका) परिवार रहती थी। उस परिवार मे उधो- माधो-संतोष बाई नाम की तीन बहने, अपने भाई के साथ रहती थी।

उधों एवं माधो बाई सगी बहनें थी और संतोष बाई उनकी धर्म की बहन थी। तीनों में अटूट प्रेम था । और उनके भाई उन तीनो से एक समान प्यार करते थे। पूरा बुहाना गांव चारो भाई बहनों की प्यार की मिसाल दिया करता था।

बचपन से ही उधो-माधो-संतोष बाई राजस्थान की सतियो की कहानियां सुनती थी एवं उन सतियों की पूजा करती। सतियो के गाथा से वे बहुत प्रभावित थी।

जब उनके भाई अचानक बैकुंठ धाम को सिधार गए, तब तीनों बहनों ने भाई के साथ सती होकर भाई बहन के अटूट प्रेम की मिसाल कायम किया। आज फतेहपुर-चुरू- बुहाना में तीनो सतियो के भव्य धाम बने हुए है।