Tibrewal Sati: Shri Khemi-Moli Dadiji (Jhunjhunu)

Tibrewal Sati: Shri Khemi-Moli Dadiji (Jhunjhunu) टिबरेवाल सती : श्री खेमी-मोली दादीजी (झुंझुनू)

SATI DEVIYON KI JAI

Marwari Pathshala

4/27/20241 मिनट पढ़ें

टिबरेवाल सती : श्री खेमी-मोली दादीजी (झुंझुनू)

माँ का जन्म : वि. सं. 1205, बसंत पंचमी के दिन, सेठ श्री प्रयागदास जी व माता भाग्यलक्ष्मी जी के घर हुआ था |

श्री खेमी-मोली बाई बहने थीं । वि. सं. 1215, बैशाख बदी पंचमी के दिन, खंडेला के सेठ श्री चेतरामजी व माता अन्नपूर्णा देवी के पुत्र श्री डालूरामजी के साथ श्री खेमी बाई और पुत्र श्री तेजराम जी के साथ मोली बाई का विवाह सम्पन्न हुआ था । वि. सं. 1219, बैशाख सुदी पंचमी, मंगलवार के दिन, श्री खेमी-मोली बाई का मुकलावा सम्पन्न हुआ । वापस लौटते दौरान, डाकुओ ने उनपर हमला कर डाला । हमले में श्री डालूरामजी और तेजरामजी वीरगति को प्राप्त हुए ।

खेमी मोली ने छन में दुष्ट दल का नामो निशान मिटा डाला। इस घटना से दुखी हो दोनों बहने एक दूसरे से लिपट कर, डोकन गाँव के भूमि पर सती होगयी थीं। दोनों बहने एक ही रूप श्री खेमी दादीजी के रूप में पूजी जाने लगी।

माँ का प्राचीन मण्ड डोकन में स्थापित हुआ । माँ के आदेश अनुसार झुंझुनू के अंदर भी माँ का विशाल मण्ड बनवाया गया था ।

टिबरेवाल परिवार में नववधु माँ बनने के बाद कच्चा दूध का सेवन करती हैं।