Bajaj/Bhartia Sati: Shri Tida Gela Dadiji (Dhandhan)
Bajaj/Bhartia Sati: Shri Tida Gela Dadiji (Dhandhan) बजाज /भरतिया सती : श्री टिड़ा गेला दादीजी (ढाँढंण)
SATI DEVIYON KI JAI
Marwari Pathshala
4/27/20241 min read
बजाज /भरतिया सती : श्री टिड़ा गेला दादीजी (ढाँढंण)
श्री टिड़ा - गेला माँ का जन्म हरियाणा के हिसार जिले के सीसवाल गाँव मे श्री बालचंद जी व माता पूर्णी देवी के घर हुआ था। बडे पुत्र जोखीराम जी और छोटे पुत्र का नाम भोलानाथ जी था। और पुत्रीयो का नाम श्री टिडा बाई व श्री गेला बाई था।
नियम से भोलानाथ जी जंगल मे गायें को चराने जाते थे। एक दिन सांप ने उन्हें डस लिया, जिससे भोलानाथ जी का तत्काल स्वर्गवास हो गया। दोनो बहने टिडा-गेला अपने छोटे भाई को अपने प्राणों से अधिक प्यार करती थी। अतः भाई भोलानाथ जी के साथ ही दोनो बहनें टिडा-गेला अपने सत् के प्रभाव से सती हुई।
बजाज-भरतियों ने मिलकर सीसवाल मे अपनी कुल देवी का मंदिर बनवाया। किन्तु समय के साथ साथ बजाज भरतिया व्यापार करने के लिये संवत 1766 मे, फतेहपुर शेखावाटी आकर बस गये। माँ के हुक्म से सीसवाल मंदिर की छः ईटें लेकर फतेहपुर शेखावाटी आने लगे।
जब वह ढाँढंण गाँव पहुंचा तो उनको खूब जोरो से लघुशंका हुई। तो उन्होंने ने वही पीपल के पेड के नीचे बालू के टीलों पर वो ईटें रख दी। और अपनी लघुशंका मिटाने चले गये। वापस आकर जब दादी भक्तों ने ईटें उठानी चाही तो वो ईटें अपनी जगह से हिली भी नही। तब माँ ने आकाशवाणी द्वारा वही पर मंदिर बनाने का आदेश दिया अतः दादी माँ के भक्तों ने मिलकर ढाँढंण गाँव के पीपल के पेड़ के नीचे इसी स्थान पर दादी माँ का भव्य मंदिर बनवाया।