Chaudhary Sati: Shri Chhajal Dadiji (Fatehpur) and Amri Dadiji (Ramgarh)

Chaudhary Sati: Shri Chhajal Dadiji (Fatehpur) and Amri Dadiji (Ramgarh) चौधरी सती : श्री छाज़ल दादीजी (फतेहपुर) एवं अमरी दादीजी (रामगढ़)

SATI DEVIYON KI JAI

Marwari Pathshala

4/27/20241 min read

चौधरी सती : श्री छाज़ल दादीजी (फतेहपुर) एवं अमरी दादीजी (रामगढ़)

श्री छाजल दादीजी का जन्म वि. सं. 1820, अक्षय तृतीया, फतेहपुर के बांसल गोत्री श्री वासुदेव जी के घर हुआ था। छाजल माँ का विवाह फतेहपुर में गर्ग गोत्री चौधरी परिवार के सुपुत्र मनमोहनजी से, देव उठनी एकादशी को संपन्न हुआ था। फागुन मास की पंचमी को मनमोहन जी परम धाम को प्यारे हुए। और उसी दिन छाजल बाई ने अपने सत के तेज से चौधरी परिवार को निहाल किया ।

छाज़ल बाई ने शक्ति में विलीन हो शक्ति स्वरूप में प्रगट होकर अपने परिवार जनों को सूचित किया की कुल में कुछ वर्षों बाद एक सती और होगी। फतेहपुर के उत्तर दिशा में सती का स्थान बताया ।

श्री अमरी दादीजी का जन्म वि. सं. 1879, फागुन शुक्ला पंचमी, बिसाऊ गांव के काली भक्त खेमका परिवार में हुआ था । उनका विवाह रामगढ़ के सेठ श्री दशरथजी चौधरी के पुत्र श्री रामचंद्रजी के संग उनका विवाह हुआ था ।

विवाह के कुछ दिन पश्चात रामचंद्र जी बीमार होगए थे। जिसके कारण "फाल्गुन शुक्ल षष्ठी, मंगलवार" को वे ब्रह्म में लीन हो गए। तब १८ वर्ष की आयु में श्री अमरी बाई ने उसी दिन शक्ति में विलीन हो, चौधरी कुल को आशीर्वाद दिया ।

आज छाजल एवं अमरी सती दादीजी, चौधरी परिवारों में कुल देवी रूप में पूजी जाती है।