Goenka Gotra Sati: Shri Beera, Barji, Barjal Dadiji (Fatehpur)

Goenka Gotra Sati: Shri Beera, Barji, Barjal Dadiji (Fatehpur) गोयनका सती :श्री बीरा, बरजी, बरजल दादीजी (फतेहपुर)

SATI DEVIYON KI JAI

Marwari Pathshala

4/27/20241 min read

गोयनका सती :श्री बीरा, बरजी, बरजल दादीजी (फतेहपुर)

श्री बीरा दादीजी का जन्म : वि. सं. 1337, शरद पूर्णिमा के दिन, तारानगर के सेठ श्री हीरालालजी के घर में हुआ । उनका विवाह वि. सं. 1353, ज्येष्ठ सुदी पंचमी के दिन, हिसार के बापूड़ा गाँव के सेठ श्री शिवप्रसाद गोयनका जी के पुत्र श्री मांगलाराम जी के साथ सम्पन्न हुआ। वि. सं. 1353, भादो बदी चौदस के दिन, श्री मंगलाराम जी शिव पूजन करते-करते प्रभु में लीन होगये। तब श्री बीरा बाई ने मंगलारामजी को लेकर अग्निरथ पर आरुद्ध हो, सत लोक गमन को चल दी।

(बीरा माँ का प्राचीन मण्ड बापूड़ा गांव में बनवाया गया, व्यापार हेतु गोयनका परिवार फतेहपुर आगया, इसी प्रकार बापूड़ा गांव की बीरा माँ फतेहपुर में बिराजने लगी)

श्री बरजल दादीजी का विवाह फतेहपुर के श्री गोयनदासजी गोयनका के पौत्र श्री नंदरामजी गोयनका की पहली पत्नी के रूप में सम्पन्न। उनके पुत्र प्रेमदास, रामदास, कुंजदास एवं सुखलाल थे। एक बार नंदरामजी की तबियत बहुत ख़राब हुई । तपेदिक के बीमारी से नंदरामजी मौत के मुँह में पहुंच गए थे। पर बरजल बाई के पतीव्रत धर्म के प्रताप से उनकी आयु श्री नंदराम जी को लग्गयी और श्री वरजल बाई अमर लोक को चली गई।

श्री बरजी दादीजी का जन्म वि. सं. 1624, चैत्र शुक्ला नवमी, सीकर के सेठ श्री लाला लाल चंदजी व माता लाजवनती के घर बाजोरिया परिवार में हुआ था। बचपन से ही बरजी बाई गोयनका कुल की बीरा माँ के गाथा से प्रभावित थी। उनका विवाह वि. सं. 1645, फतेहपुरके श्री नंदरामजी गोयनका के दूसरी पत्नी के रूप में सम्पन्न । राजाराम, मनीराम, बिहारीदास, किशनदास बरजी बाई के पुत्र थे।

बरजी बाई ने श्री नंदराम जी के आठो पुत्र को एक समान स्नेह दिया। वि. सं. 1665, नवरात्रि की अष्टमी के दिन, श्री नंदरामजी प्रभु को प्यारे हुए। तब बरजी बाई ने, अपने आठो पुत्रो को, कुलदेवी बीरा के साथ खुद और अपनी ज्येष्ठी बरजल बाई को पूजनेका आज्ञा देकर फतेहपुर के धरती पर अग्निरथ पे सवार हुई।