गयो न जोबन आवै, मरया न जीवै कोय। अणहोणी होवै नहीं, होणी हो सो होय।।
गयो न जोबन आवै, मरया न जीवै कोय। अणहोणी होवै नहीं, होणी हो सो होय।।
MARWARI KAHAWATE
MARWARI PATHSHALA
10/27/20241 min read
गयो न जोबन आवै, मरया न जीवै कोय।
अणहोणी होवै नहीं, होणी हो सो होय।।
गया हुआ यौवन फिर लौट कर नहीं आता और मरा हुआ व्यक्ति वापस जीवित नहीं होता।
इस संसार में अनहोनी कभी नहीं होती है, होनी ही होती है और होनी है तो हो।
एक पंडित बड़ा ज्ञानी था। बड़ी उम्र में जाकर एक लड़का हुआ। पंडित ने अपने ज्ञान के बल पर जान लया कि मैं इस लड़के के पूर्व जन्म के एक लाख रूपये मांगता हूं। लड़का अपना ऋण चुकाने आया है और जिस दिन यह ऋण चुका देगा, उसी दिन यह इस दुनिया से चला जाएगा। अत पंडित ने तय किया कि वह कुछ ऐसा करेगा कि यह अपना ऋण चुका ही न पाए, इस प्रकार वह जा न सकेगा। पंडित का राजदरबार में बहुत मान था और वह राज पंडित था। लड़का धीरे धीरे बड़ा होने लगा। पंडित उसे पढाने लिखाने लगा, ताकि वह भी उसके जैसा पंडित बन जाए। युवा होते होते वह भी बड़ा पंडित बन गया। पंडित को लड़के की बड़ी चिंता थी, उसने अपनी स्त्री को समझा दिया कि मेरी अनुपस्थिति में लड़के को कहीं मत जाने देना और राजसभा में तो कदापि न जाने देना। एक दिन राजा ने किसी आवश्यक काम से पंडित को बुलवा भेजा, लेकिन पंडित तब कहीं बाहर गया हुआ था। राज कर्मचारी ने जाकर राजा को सूचित किया कि पंडितजी तो घर पर नहीं है। राजा को जरूरी काम था। अत उसने कहा कि सुना है कि पंडितजी का लड़का भी उन जैसा ही विद्वान है, तुम जाकर उसे ही ले जाओ। राज कर्मचारी वापस पंडित के घर पहुंचा और उसके लड़के को चलने के लिए कहा। लड़के की मां ने उसे दरबार में जाने का बहुत मना किया, लेकिन लड़का नहीं माना। तब उसकी मां ने कहा कि यदि जाते हो तो जाओ, लेकिन राजा से कोई उपहार मत लाना। लड़का चला गया। राजा ने जो भी प्रश्न उससे किए, पंडित के लड़के ने समुचित उत्तर दिया। राजा बड़ प्रसन्न हुआ और उसने लड़के को बहुत भारी पुरस्कार देना चाहा। लेकिन लड़के ने कुछ भी लेने से इंकार कर दिया। तब राजा ने एक नारियल मंगवा कर उसमें एक लाख रूपये की एक मणि डलवा दी और फिर पंडित के लड़के से कहा कि हम आपको कुछ भी नहीं दे रहे हैं, लेकिन खाली हाथ नहीं जाने देंगे। अत भेंट स्वरूप सिर्फ एक नारियल आप देते हैं, सो आप स्वीकार करें। पंडित का लड़का नारियल लेकर घर आ गया। उसने नारियल अपनी मां को दे दिया। नारियल देते ही वह मृत होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसकी मां धाड़ मार मार कर रोने लगी। जब पंडित घर आया तो उसने जान लिया कि लड़के ने अपना ऋण चुका दिया है। उसने नारियल को अपनी स्त्री के सामने तोड़ा और वह मणि निकाल कर उसे दिखला दी और बोला कि मैंने तुझे पहले ही सारी बात बतला दी थी, अब क्यों रोती है?

