रहणो तेज अंगार ज्यूं, माल कह्यो रे मीत। सीधै ऊपर दो चढै, आ दुनिया री रीत।।

रहणो तेज अंगार ज्यूं, माल कह्यो रे मीत। सीधै ऊपर दो चढै, आ दुनिया री रीत।।

MARWARI KAHAWATE

MARWARI PATHSHALA

10/27/20241 min read

रहणो तेज अंगार ज्यूं, माल कह्यो रे मीत।
सीधै ऊपर दो चढै, आ दुनिया री रीत।।

मनुष्य को तेज अंगारे की तरह रहना चाहिए, अर्थात तेज और चतुर होना चाहिए। कारण,सीधे मनुष्य पर एक के बजाय दो चढ जाते हैं और दुनिया की तो यही रीत है।

एक जाट के मन में गंगा-स्नान करने की इच्छा उत्पन्न हुई। पर्व आया तो वह गंगा-स्नान के लिए घर से रवाना हो गया। आखिर वह तीर्थ धाम पहुंचा। वहां जाकर उसने गंगा में उतरकर स्नान किया। गंगा के घाट पर एक पंडा बैठा था। स्नान के बाद यात्री पंडे के पास जा रहे थे और तिलक करवा कर उसे दक्षिणा दे रहे थे। जाट ने यह देखा तो उसने सोचा कि गंगा-स्नान करने के बाद तिलक करवाना जरूरी होगा।अत वह भी गंगा स्नान करने के बाद पंडे के पास तिलक करवाने के लिए गया। उस समय तक पंडे का चंदन समाप्त हो चुका था। थोडी देर के लिए पंडे ने इधर उधर देखा, फिर अचानक उसे विकल्प दिख गया। उसने गंगा तट की रेणुका ली और उससे जाट के मस्तक पर तिलक कर दिया। तब जाट बोला कि यह क्या? सबके तो आपने चंदन का तिलक किया और मेरे रेणुका से तिलक कर रहे हैं? तब पंडे ने चतुरता बरतते हुए जाट से कहा कि गंगाजी के घाट पर ब्राहृाण वचन प्रमाण। गंगाजी की रेणुका चंदन करके मान। पंडे की यह बात सुनकर जाट चुप तो हो गया, लेकिन उसने पंडे को सबक सिखाने की सोच ली। फिर पंडे ने जाट का गाय दान करने के लिए कहा तो वह चुपचाप वहां से उठा और थोड़ा आगे जाकर उसने एक मेंढकी पकड़ी। उसे मुटठी में लेकर वह पंडे के पास आया और पंडे से बोला कि लो गुरू,यह गाय दान स्वरूप ग्रहण करो। पंडे ने जाट के हाथ में मेंढकी देखी तो कहा कि अरे, यह तो मेंढकी है। तुम इसको गाय कैसे कहते हो? जाट ने जवाब तो पहले से ही तैयार कर रखा था। वह झट से बोल उठा कि गंगाजी के घाट पर जाट वचन प्रमाण। गंगाजी की मेंढकी तुम गौ करके मान। जाट की यह बात सुनी तो पंडा बेचारा सन्न रह गया। अब वह कहता भी तो क्या कहता। ऐसा उसने खुद किया था कि गंगा तट की रेणुका को उसने चंदन बतलाया। वह चुप रहा। उसने गाय दान की बात छोड़ दी। जाट मुस्कराता हुआ वहां से विदा हुआ और उसके बाद वह अपने घर की ओर लौट पड़ा। इस प्रकार उसने गंगा स्नान की अपनी इच्छा पूरी की और अपनी चतुरता से ठगी से भी बच गया।